Monday, January 4, 2010

नव वर्ष पर ..........

दिवस जो बीत गये
आज और वह कल जो आने वाला है
क्या सताएगा
क्या रुलाएगा
या फिर
हंसायेगा
क्या होगा ?
कौन जानता है
हम-तुम
या फिर वो महाकाल.....
कौन ?

4 comments:

  1. कोई नहीं जानता!!


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    ’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’

    -त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.

    नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'

    कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.

    -सादर,
    समीर लाल ’समीर’

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  2. नए वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं तनु!नियमित रहिये ब्लागजगत में !

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  3. सुन्दर रचना ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।

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  4. शायद कोई नही जानता ........ भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है ...........
    नया साल मुबारक हो ..........

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