हम -तुम यानि की सुख-दुःख -एक संघर्ष -एक चुनौती और एक संवेदना का चरमोत्कर्ष .
कोई नहीं जानता!!---’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.-सादर, समीर लाल ’समीर’
नए वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं तनु!नियमित रहिये ब्लागजगत में !
सुन्दर रचना ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
शायद कोई नही जानता ........ भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है ...........नया साल मुबारक हो ..........
कोई नहीं जानता!!
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’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
नए वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं तनु!नियमित रहिये ब्लागजगत में !
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